Jawaharlal Nehru Biography- Birth, Family Education, Career,  Achievements, Awards in Hindi

दोस्तों नमस्कार, हार्दिक स्वागत है आपका! आज हम आपको स्वतंत्र भारत देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियों के बारे में जानेंगे।

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पंडित जवाहरलाल नेहरू: त्वरित तथ्य

◆ नाम- पंडित जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru)

◆ उपनाम-  चाचा नेहरू और पण्डित नेहरू

◆ जन्म की तारीख- 14 नवम्बर 1889

◆ जन्म स्थान- इलाहाबाद, ब्रिटिश भारत

◆ निधन तिथि- 27 मई 1964

◆ माता व पिता का नाम- स्वरूपरानी थुस्सू / मोतीलाल नेहरू

◆ उपलब्धि- 1947 भारत के प्रथम प्रधानमंत्री

◆ पेशा / देश –  राजनीतिज्ञ / भारत

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म: Birth and Early Life

पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। इन्हें चाचा नेहरु भी कहा जाता है। इनका जन्म एक धनी परिवार में हुआ था। पं० जवाहर लाल नेहरू के पिता का नाम मोतीलाल नेहरू और माता का नाम स्वरूपरानी थुस्सू था। इनकर पिता एक धनी बैरिस्टर थे जोकि कश्मीरी पण्डित समुदाय से थे। इनकी दो बहने थी, जिसमें से सबसे बड़ी बहन का नाम विजया लक्ष्मी, जो बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी और सबसे छोटी बहन, कृष्णा हठीसिंग थी जो कि एक उल्लेखनीय लेखिका बनी थी।

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पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री (1947)

पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री एवं भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के महान् सेनानी थे। जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 को पण्डित समुदाय में इलाहाबाद, ब्रिटिश भारत में हुआ। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू तथा माता का नाम स्वरूपरानी थुस्सू था। जवाहरलाल नेहरू वर्ष 1947 से 1964 तक भारत के प्रधानमंत्री पद पर आसीन रहे। जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से अत्यंत लगाव था और बच्चे उन्हें प्यार से ‘चाचा नेहरू” के नाम से पुकारते थे। भारत में हर साल 14 नवम्बर को लोगों को बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये बाल दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष देश भर में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस (14 नवम्बर) को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बाल दिवस बच्चों को समर्पित भारत का एक राष्ट्रीय त्योहार है।

पंडित जवाहरलाल नेहरू का निधन : Death

पंडित जवाहरलाल नेहरू का मृत्यु 27 मई 1964 (आयु 74 वर्ष) को नई दिल्ली, दिल्ली, भारत में दिल का दौरा पड़ने से हुई थी।

पंडित जवाहरलाल नेहरू की शिक्षा: Education

जवाहरलाल नेहरू को दुनिया के बेहतरीन स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिला था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा हैरो और कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज, लंदन से पूरी की थी। उन्होंने अपनी लॉ की डिग्री कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की। हैरो और कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर 1912 में नेहरू जी ने बार-एट-लॉ की उपाधि ग्रहण की और वे बार में बुलाए गए।

जवाहरलाल नेहरू: राजनीतिक यात्रा (Career)

पं० नेहरू ने अपनी लॉ की डिग्री कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की थी, जिसके बाद इंग्लैंड में उन्होंने सात साल व्यतीत किए जहाँ उन्होने फैबियन समाजवाद और आयरिश राष्ट्रवाद के लिए एक तर्कसंगत दृष्टिकोण विकसित किया था। पं० नेहरू वर्ष 1912 में भारत लौटे और शुद्ध हिन्दी व्याकरण के अध्ययन के साथ-साथ भारत में वकालत करने लगे।

  • उन्होंने 1912 में बांकीपुर कांग्रेस में एक प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया।
  • 1919 में वे होम रूल लीग, इलाहाबाद के सचिव बने।
  • 1916 में पहली बार उनकी मुलाकात महात्मा गांधी से हुई और वे उनसे बेहद प्रेरित हुए।
  • 1920 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में पहला किसान मार्च आयोजित किया।
  • असहयोग आंदोलन (1920-22) के कारण उन्हें दो बार कारावास हुआ।
  • सितम्बर 1923 में वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने।
  • 1926 में उन्होंने इटली, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड, बेल्जियम, जर्मनी और रूस का दौरा किया।
    भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के आधिकारिक प्रतिनिधि के रूप में, उन्होंने बेल्जियम के ब्रुसेल्स में उत्पीड़ित राष्ट्रीयताओं के सम्मेलन में भाग लिया था।
  • 1927 में, उन्होंने मास्को में अक्टूबर समाजवादी क्रांति की दसवीं वर्षगांठ समारोह में भाग लिया।
  • 1928 में साइमन कमीशन के दौरान लखनऊ में उन पर लाठीचार्ज किया गया।
  • उन्होंने 29 अगस्त 1928 को सर्वदलीय कांग्रेस में भाग लिया और भारतीय संवैधानिक सुधार पर नेहरू रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने वालों में से एक थे, जिसका नाम उनके पिता श्री मोतीलाल नेहरू के नाम पर रखा गया था।
  • 1928 में उन्होंने ‘इंडिया इंडिपेंडेंस लीग’ की स्थापना की और इसके महासचिव बने।
  • 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन के वे अध्यक्ष चुने गए। इस अधिवेशन में ही देश की स्वतंत्रता के लिए पूर्ण लक्ष्य को अपनाया गया।
  • 1930-35 के दौरान नमक सत्याग्रह और कांग्रेस द्वारा चलाए गए अन्य आंदोलनों से जुड़े होने के कारण उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा।
  • 14 फरवरी 1935 को उन्होंने अल्मोड़ा जेल में अपनी ‘आत्मकथा’ पूरी की थी।
    जेल से रिहा होने के बाद वह अपनी बीमार पत्नी को देखने स्विट्जरलैंड गए।
  • 31 अक्टूबर 1940 को युद्ध में भारत की जबरन भागीदारी के विरोध में व्यक्तिगत सत्याग्रह करने पर उन्हें पुनः गिरफ्तार कर लिया गया।
  • दिसंबर 1941 में उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।
  • 7 अगस्त, 1942 को बम्बई में ‘अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी’ के अधिवेशन में पं. जवाहरलाल नेहरू ने ‘भारत छोड़ो’ प्रस्ताव पेश किया।
  • 8 अगस्त, 1942 को उन्हें अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार कर अहमदनगर किले में ले जाया गया। यह उनकी सबसे लंबी और आखिरी नज़रबंदी थी।
  • जनवरी 1945 में उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया और उन्होंने राजद्रोह के आरोपी आई.एन.ए. के अधिकारियों और सैनिकों के लिए कानूनी बचाव का आयोजन किया।
  • जुलाई 1946 में चौथी बार वे कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए और फिर 1951 से 1954 तक तीन और कार्यकालों के लिए इस पद पर रहे।
  • इस तरह, वे स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। वे लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराने और अपना ऐतिहासिक भाषण “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी” देने वाले पहले प्रधानमंत्री थे।

पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में अन्य जानकारियां

पंडित नेहरू एक महान् राजनीतिज्ञ और प्रभावशाली वक्ता ही नहीं, ख्यातिलब्ध लेखक भी थे। उनकी आत्मकथा 1936 ई. में प्रकाशित हुई और संसार के सभी देशों में उसका आदर हुआ। उनकी अन्य रचनाओं में भारत और विश्व, सोवियत रूस, विश्व इतिहास की एक झलक, भारत की एकता और स्वतंत्रता और उसके बाद विशेष उल्लेखनीय हैं। इनमें से अन्तिम दो पुस्तकें उनके फुटकर लेखों और भाषणों के संग्रह हैं। उनकी कुछ महत्वपूर्ण पुरस्तकों के इयाम इस तरह हैं- पिता के पत्र: पुत्री के नाम – 1929, विश्व इतिहास की झलक (ग्लिंप्सेज ऑफ़ वर्ल्ड हिस्ट्री) (दो खंडों में) 1933, मेरी कहानी (ऐन ऑटो बायोग्राफी) – 1936, भारत की खोज/हिन्दुस्तान की कहानी (दि डिस्कवरी ऑफ इंडिया) 1945, राजनीति से दूर, इतिहास के महापुरुष, राष्ट्रपिता, जवाहरलाल नेहरू वाङ्गय (11 खंडों में) आदि।

पंडित जवाहरलाल नेहरू के पुरस्कार और सम्मान

1955 में, नेहरू को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने उन्हें प्रधानमंत्री की सलाह के बिना यह सम्मान दिया, 2012 में, नेहरू को आउटलुक के द ग्रेटेस्ट इंडियन के पोल में नंबर 4 पर रखा गया था।

पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रश्नोत्तर (FAQs):

Q. पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म कब हुआ था?

A. पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद, ब्रिटिश भारत में हुआ था।

Q. पंडित जवाहरलाल नेहरू क्यों प्रसिद्ध हैं?

A. पंडित जवाहरलाल नेहरू को 1947 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में जाना जाता है।

Q. पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु कब हुई थी?

A. पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु 27 मई 1964 को हुई थी।

Q. पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता का क्या नाम था?

A. पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था।

Q. पंडित जवाहरलाल नेहरू की माता का नाम क्या था?

A. पंडित जवाहरलाल नेहरू की माता का नाम स्वरूपरानी थुस्सू था।

Q. पंडित जवाहरलाल नेहरू को किस उपनाम से जाना जाता है

A. पंडित जवाहरलाल नेहरू को चाचा नेहरू और पण्डित नेहरू के उपनाम से जाना जाता है।

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